इंदिरा गाँधी आयुर्विज्ञान महाविद्यालय एवम चिकित्सालय शिमला Indira Gandhi Medical College & Hospital Shimla. H.P.
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Office of Medical Superintendent
गत दिनों में आईजीएमसी अस्पताल में आंखों के कंजेक्टिवाइटिस यानी कि आई फ्लू के मामलों में बढ़ोतरी पाई गई है। गत सप्ताह से रोजाना 15 मरीज प्रतिदिन आँखों की ओपीडी में रिपोर्ट हो रहे हैं और औसतन आईजीएमसी अस्पताल में प्रतिदिन 100 मरीज नेत्र विभाग में अपना इलाज करवाने आते हैं। मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ राहुल राव बताया कि स्क्रब टायफस बीमारी के आईजीएमसी अस्पताल में जुलाई महीने में लोगों की पुष्टि हुई है तथा अगस्त माह में अब तक 21 मरीज अस्पताल में आ चुके हैं उन्होंने यह भी बताया कि पिछले गत वर्षों से यह प्रतीत होता है कि अधिकतम स्क्रब टायफस के मरीज सितंबर महीने में सबसे ज्यादा अस्पताल में आते हैं और इस साल के आंकड़े भी इसी और इंगित करते हैं।
विशेषज्ञा ने दोनों बीमारियों के रोकथाम में विशेष बल देने पर जोर दिया है और डॉ० राहुल राव ने जागरूकता के विषयों पर विस्तार पूर्वक जानकारी दी आई फ्लू नामक बीमारी से बचाव के लिए हाथ तथा मुंह की सफाई सफाई रखने पर विशेष बल दिया गया स्क्रब टायफस रोग एक जीवाणु रिकिटेशिया के संक्रमित पिस्सू के काटने से फैलता है जो खेतों, झाड़ियों, व घास पतवार में रहने वाले चूहों में पनपता है यह चमड़ी के माध्यम से शरीर में फैलता है और बुखार पैदा करता है, शरीर में अकड़न या शरीर टूटा सा होना प्रतीत लगता है रोकथाम के बारे में उन्होंने यह बताया कि खेतों में काम करते समय शरीर खासकर टांगे पाँव व बाजू ढककर रखें । घर के आसपास घास, खरपतवार न उगने दें । उन्होने यह भी बताया कि पिस्सू के काटने से शरीर में जलने जैसा एक निशान भी बन जाता है उन्होंने सभी जनमानस से अपील करते हुए कहा कि इस बारे में सभी को जागरुक रहने का आग्रह किया और लक्षण आने पर तुरंत अपने चिकित्सक से परामर्श लेने को कहा स्क्रब टायफस एक गैर संक्रामक रोग है और इसकी रोकथाम साफ सफाई से संभव है और इसकी जागरूकता के लिए हम सभी को निरंतर प्रयत्नशील रहना चाहिए
पिस्सू के काटने से बनने वाला निशान
वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक इंदिरा गाँधी अस्पताल शिमला